Power Of Sacrifice! त्याग की शक्ति !

Power Of Sacrifice!

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नमस्कार दोस्तों, आप जानते हैं कि Sacrifice का वास्तविक अर्थ क्या होता है। क्या का मतलब बदले में कुछ लेना नहीं होता है। अगर त्याग के उपरांत कुछ लेने की चाहत हो तो यह सरासर बेईमानी मानी जाती है। किसी चीज को पाने के लिए जो त्याग हमें करना होता है वह प्राप्त किए जाने वाली चीज से हमेशा ही बड़ा होता है। अगर आपको बड़ी खुशी चाहिए तो उससे पहले आपको कठिन वक्त में कठोर परिश्रम भी करना होगा। जितनी खुशी मिलेगी उससे कहीं ज्यादा दुख का सामना करना होगा। आज के blog में चर्चा करेंगे कि वास्तव में त्याग और सफलता का क्या संबंध है। Power Of Sacrifice

Why Sacrifice is So Important :-

धार्मिक लोग इस बात को अच्छे से समझ पाएंगे कि सुख और दुख जीवन में अपना संतुलन बना कर रखते हैं। जो इंसान आज दुख काट रहा है कल को उसे सुख की प्राप्ति भी होगी। धार्मिक लोगों से अलग हटकर सोचें तब भी यह कहीं ना कहीं सत्य सिद्ध होता है कि आप आज जितना कड़ा परिश्रम करोगे चीजों का त्याग करोगे लक्ष्य प्राप्ति के बाद जीवन उतना ही ज्यादा आनंद में होगा। लोग चीजों से इतना बंध जाते हैं कि उनके अंदर खोने का डर बढ़ने लगता है। ऐसे लोग आने वाली खुशियों को नजरअंदाज कर sacrifice की भावना को दरकिनार कर देते हैं। कभी कभी जीवन में एकांत की भी आवश्यकता होती है पर मोह की वजह से हम लोगों अथवा वस्तुओं का त्याग नहीं कर पाते हैं। अगर आपको सफलता चाहिए तो पहले खुद को जानना पड़ेगा। खुद को जानने के लिए Isolation जरूरी होता है और Isolation के लिए कुछ चीजों का त्याग करना पड़ता है।

Isolation v/s Sacrifice :-

जिंदगी में Isolation का Sacrifice से सीधा संबंध है। जब लोग आपको आपकी इच्छा के विरुद्ध छोड़कर जाते हैं तो अकेलापन कहलाता है परंतु जब आप अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करें अनावश्यक चीजों का त्याग करते हैं तो यह एकांत कहलाता है। अब आप अच्छे से समझ सकते हैं कि sacrifice से कैसे Isolation बनता है। एकांत में आप अपने खुद की आवाज सुनते हो और इससे आपका ध्यान बढ़ता है। आप एकांत में ऐसी क्षमताओं के बारे में जानने लगते हो, जिनको आप भीड़ में रहते हुए महसूस नहीं कर सकते हैं। जब आप एकांत में बैठोगे तो आपका ध्यान दुनिया भी चीजों से हटने लगेगा और खुद पर केंद्रित होने लगेगा जिससे आपके Focus में Improvement होगा।

Focus v/s Sacrifice :-

बात करें ध्यान और त्याग की तो दोनों शब्दों की आपस में कोई तुलना नहीं है पर जिस तरह की चीजों में हम फंसे हुए हैं वहां sacrifice को Focus से संबंधित किया जा सकता है। जब हम खुद से अनभिज्ञ दुनिया भी चीजों में खोए होते हैं तो हमारा ध्यान भी लक्ष्य पर केंद्रित नहीं हो पाता है। जिंदगी में जितना कम Distraction होगा आपका ध्यान उतना ही ज्यादा लक्ष्य पर केंद्रित होगा। ऐसे में अगर आपको कुछ शरारती तत्व अपनी जिंदगी से निकालने पड़े अर्थात ऐसे लोगों का त्याग करना पड़े तो इसमें कोई हानि नहीं है। जब अनावश्यक चीजों का त्याग करेंगे तो आपका ध्यान अपने लक्ष्य के प्रति सदृढ़ हो जाएगा।‌

Conclusion of The Topic :-

अपनी जिंदगी से अनावश्यक चीजों का त्याग करना आपके ध्यान को बढ़ाता है और आपका ध्यान बढ़ने पर आपकी सफलता के चांस बढ़ जाते हैं। जब आप चीजों को Sacrifice कर एकांत में बैठने लगते हो तो फिर आपकी सोचने की क्षमता तीव्र होने लगती है। जब आप सिर्फ ध्यान करने बैठते हो तो एक वक्त के बाद आप वापस से दुनियावी ख्यालों में खोने लगते हो, परंतु जब आप एकांत में होते हो तो यह दुनियावी ख्याल धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं। एकांत में तुम स्वयं होते हो और तुम्हारी बनाई हुई एक शानदार दुनिया होती है, जिसमें केवल और केवल तुमसे संबंधित विचार होते हैं। एकांत की सबसे खूबसूरत चीज यह होती है कि यहां पर आप विचारों को अपने अनुसार उत्कीर्ण कर सकते हो। अपने अंदर की आवाज को सुनने के लिए आपको बाहर की आवाजें ना आए ऐसा कुछ करना होगा जो केवल एकांत में ही संभव है। इस तरह आप sacrifice करते हुए सफलता की सीढ़ी पर तेजी से चढ़ सकते हो।

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