आलस को दूर करने का सबसे कारगर उपाय | The Art Of Getting Rid Of Laziness
The Art Of Getting Rid Of Laziness
The Art Of Getting Rid Of Laziness:- दोस्त आप जीवन में जो भी काम करते हैं जैसे भी करते हैं अक्सर आपको एक चीज से हमेशा सामना करना पड़ता है और वह है ‘आलस’। जो लोग आलस को दबाकर समय पर काम करते हुए आगे बढ़ते हैं वह सफल हो जाते हैं और जो लोग आलस का गुलाम बन जाते हैं उनका जीवन तहस-नहस हो जाता है। सबसे पहले हम बात करेंगे कि आखिर में आलस आता क्यों है अर्थात किए हैं क्या चीज है ?
अनेकों बार हमें लगता है कि हमारे अंदर ऊर्जा की कमी है इस वजह से हमें आलस आता है पर वाकई ऐसा होता नहीं है । मैं थोड़ी आपको अलग बात बता रहा हूं परंतु यह सच है कि जीवन जीने के लिए और काम करने के लिए जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है उतनी हर इंसान के अंदर उर्जा पाई जाती है । इतनी ऊर्जा हर इंसान में होती है कि वह इंसान मुश्किल परिस्थितियों में डटकर सामना कर सके और अपने जीवन को आगे बढ़ा सके । अगर आप भी किसी कारणवश आलस महसूस करते हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके अंदर उर्जा की कमी नहीं है, बल्कि आप पर तमोगुण हावी हो गया है । यह गुण सभी इंसानों में पाया जाता है , कुछ लोग इसके काबू में आ जाते हैं और कुछ लोग इसको काबू में कर लेते हैं ।
1. Devide In Task –
अगर आप जीवन के किसी पड़ाव पर आलस महसूस कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपना जो लक्ष्य है उसको छोटे-छोटे और आसान टुकड़ों में बांटना होगा । जब हम एक साथ किसी बड़े लक्ष्य को सोच कर काम करना प्रारंभ करते हैं तो उस वक्त हमें वह काम शायद असंभव लग सकता है इसलिए हम टालमटोल कर देते हैं । इसलिए कोशिश करें अपने बड़े से बड़े कामों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट ले जिनको आप अच्छे से समझ सके और सोच कर उन पर तुरंत काम शुरू कर सकें ।
प्रिय विद्यार्थियों बात करें आपकी पढ़ाई के बारे में तो आपको पूरे साल की पढ़ाई के बारे में नहीं सोचना है,क्योंकि ऐसा करने पर आपको जरूर आलस आएगा । आपको अपने पूरे सिलेबस को बचे हुए समय के अनुसार छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटना है और जब आप पढ़ने बैठें तो केवल आपको अगले 1 घंटे का ही सोच कर पढ़ना है ।
2. Follow Small Steps –
अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी कामों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटना है और किसी एक काम पर ही एक बार में ध्यान देना है । जैसे आपको अपना उत्पाद बेचने के लिए बाजार की जानकारी चाहिए तो आपको सबसे पहले उसी पर काम करना है। इसके लिए आपको इंटरनेट पर रिसर्च करना है, घर से बाहर निकल कर मार्केट में जाकर लोगों से बात करनी पड़ सकती है,और जो लोग इस काम में पहले से लगे हुए हैं उनसे भी जानकारी एकत्रित करनी है । जब आपके सामने एक छोटा सा Clear Task होता है तो आपका दिमाग Action लेने से पहले आलस नहीं करता है ।
अगर आपको पहली बार में सुबह जल्दी उठकर जोगिंग करने में आलस आता है,तो आपको जोगिंग करने के बारे में नहीं सोचना है । आपको बस इतना सोचना है कि मुझे सुबह जाकर अपने घर के दरवाजे तक घूमना है या फिर अपने कमरे में ही कोई एक्सरसाइज करनी है । दोस्तों यह चीज किसी भी आदत को बिना आलस की शुरू करने की सबसे अच्छी तकनीक मानी जाती है । किसी बड़ी आदत को शुरू करने से पहले उसकी किसी छोटे हिस्से को पकड़ना होता है और धीरे-धीरे उस बड़ी आदत पर कब्जा जमाना होता है ।
3. Laziness and Procrastination –
वास्तव में देखा जाए तो हाल है कोई ऊर्जा से संबंधित चीज नहीं है बल्कि यह तो हमारे विचारों में पैदा होता है । यह एक आदत की तरह भी काम करता है । आपको अपने आपको एहसास दिलाना होगा कि, मैं एक कर्म योगी इंसान हूं और मेरे पास जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा है । मैं औरों की तरह बिल्कुल भी गया गुजरा इंसान नहीं हूं बल्कि मुझे जीवन में अभी बहुत कुछ करना है, सफलता की ऊंचाइयों को स्पर्श करना है और एक सम्मान पूर्वक जीवन जीना है । जब आप इस तरह की बातें अपने आप को समझा पाओगे तो आपके अंदर तमोगुण में कमी आती जाएगी और आप एक्टिव होने लगेंगे । जब भी आपके अंदर आलस या टालमटोल का ख्याल आएगा तो आप अपने आप को अंदर ही अंदर बोलेंगे कि यह तो वाहियात चीजें हैं, मैं इनसे बहुत ऊपर उठ चुका हूं ।
4. Practical Steps –
➥ जब भी आप सुबह जागे तो आपको दिन में करने वाले बहुत सारे कामों को दिमाग में नहीं लाना है, बल्कि सिर्फ आपको विस्तार से बाहर आना है और नहा धोकर अच्छे कपड़े पहन कर तैयार हो जाना है । इसके बाद आपको बहुत अच्छा महसूस होगा और आप दिन के बाकी कामों के बारे में भी अच्छे से सोच पाएंगे । जब आपको ऐसा करने पर अच्छा महसूस होगा तो यह है फिर आपकी दिनचर्या क्या हिस्सा बन जाएगा ।
➥ आपको जीवन में सबसे बड़ी दुश्मनी करनी चाहिए तो वह है आपका आलस । जब भी आपको यह दिखाई दे तो आपको पूरे आत्मविश्वास से इस पर हमला बोल देना है । जब भी आप अपने आलस को हरा देते हैं,तो आपको उसका उत्सव मनाना चाहिए अर्थात अपने आप को शाबाशी देनी चाहिए ।
➥ दोस्तों आप जब भी अपना कोई लक्ष्य निर्धारित करें तो वह लक्ष्य आपके जीवन से और आपकी भावनाओं से जुड़ा हुआ होना चाहिए । मेरे प्रिय विद्यार्थियों अगर किसी दिन आपकी बस छूट जाती है और आपके पास स्कूल जाने का कोई खुद का साधन नहीं होता तो आपके मन में क्या विचार आते हैं ? अगर आप अपनी पढ़ाई से दिल से प्यार नहीं करते तो शायद आप स्कूल जाने की सोच भी नहीं सकते बल्कि आपके अंदर आलस जैसी चीजें आएंगी।
मान लिया जाए उसी दिन आपको किसी लड़की को स्कूल में जाकर प्रपोज करना है और आपकी बस छूट जाती है तो आप क्या करेंगे ? शायद मुझे इसका जवाब देने की आवश्यकता नहीं है । शुरू में तो आप कोशिश करेंगे कि किसी बस या टेंपो की सहायता से वहां पहुंचा जाए, अगर वह संभव नहीं हो पाता है तो आप पैदल जाने में भी किसी प्रकार का कोई आलस नहीं करेंगे । जिस प्रकार आप इस लड़की से मोहब्बत होने पर बिना बस भी उस तक पहुंचने के बारे में सोच सकते हैं,उसी प्रकार जब किसी इंसान को अपने लक्ष्य से सच्चा प्यार होता है, तो वह इंसान संसाधनों की कमी के बावजूद भी उस लक्ष्य को हासिल कर लेता है ।
मैं यहां पर आपको यह बिल्कुल भी नहीं कहना चाहता कि आप लोगों से प्यार-मोहब्बत ना करो बल्कि मैं तो यह कहना चाहता हूं,जितनी मोहब्बत आप लोगों से करते हो उतनी ही अपने आप से और अपने काम से करो ।
धन्यवाद !