Getting Rid From Frustration in Life PART -1 || जीवन से निराशा कैसे खत्म करें भाग -1

Getting Rid From Frustration in Life PART -1

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नमस्कार दोस्तों,जब हम समस्याओं से घिर जाते हैं और हमें कोई रास्ता दिखाई नहीं देता तो इस परिस्थिति में हम एक जिंदा लाश की तरह व्यवहार करते हैं। जीवन को लेकर हमारे सभी इच्छाएं खत्म होने लगती हैं। बार-बार समस्याओं को सामने खड़ा देखकर हमें अपने आप से नफरत होने लगती है। हमें बार-बार यह एहसास होने लगता है कि हम किसी मजबूत चक्रव्यूह में फंस चुके हैं,जिसमें से निकलना नामुमकिन है। हमें ऐसा महसूस होने लगता है कि जैसे ईश्वर में इस दुनिया के सारे दुख हमारे लिए ही बनाए हैं। आइए आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे (Getting Rid From Frustration) कि किस तरह जीवन की इन परिस्थितियों से बाहर निकला जाए और ऐसी चीजें हमें क्यों महसूस होती है।

Getting Rid From Frustration

Symptoms Which Affects You –

दोस्तों हम अपने आप में नही जीते हैं | हमें ना ही तो कुछ पाने की इच्छा होती है और ना ही किसी चीज के खोने का डर होता है। हम अपनी एक छोटी सी दुनिया बनाकर उसमें बुरी तरह उलझ जाते हैं और जीवन का वास्तविक अर्थ भूल जाते हैं। ऐसे बहुत सारे नौजवान और लोग होते हैं जिनके मन में तरह-तरह के वाहियात विचार आने लगते हैं। लोग ऐसी परिस्थिति में फस कर आत्महत्या करने के अलग अलग तरीके ढूंढने लगते हैं। अगर कोई अच्छे के लिए उनसे बात करता है तो उन्हें वह भी अच्छा नहीं लगता और ना ही वह समझना चाहते हैं। ऐसे लोगों को हर तरफ बस नकारात्मक चीजें दिखाई देने लगती है और जीवन के प्रति आशा खत्म हो जाती है। मैंने ऐसे ही भाव को भी देखा है जो अक्सर गूगल पर बिना दर्द के आत्महत्या करने के तरीके खोजते रहते हैं। इस चीज का अंदाजा लगा सकते हैं कि परिस्थितियां किस तरह की उत्पन्न हो सकती हैं।

The Things You Have To Know –

दोस्तों अगर आपके साथ भी इनमें से कुछ चीजें घटित हो रही है तो आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इस दुनिया में आप अकेले नहीं है जो ऐसी चीजों का सामना कर रहे हैं। आपके अलावा भी इस दुनिया में लोग रहते हैं जो आपसे भी बुरी परिस्थितियों का शिकार है। जिस तरह की समस्या मैंने आपको बताई है यह सामान्य नहीं है बल्कि आप किसी मानसिक विकृति से ग्रस्त हैं। आपको इस मानसिक विकृति वाले सब से परेशान नहीं होना है,क्योंकि यह एक सामान्य बीमारी है जिस तरह हमें बुखार और जुखाम होता है। आपको शुरुआत में किसी अच्छे मानसिक चिकित्सक से परामर्श लेने की आवश्यकता है। अगर आपको अपना जीवन ठीक करना है तो इस कदम को उठाने में आपको जरा भी हिचकिचाहट महसूस नहीं करनी है। आपको अपना इलाज कराना है जैसे हम अक्सर अन्य बीमारियों का कराते हैं और हमें किसी प्रकार की कोई ग्लानि महसूस नहीं होती है।

Remember These Things Always –

जिस तरह बुखार में आपको दवाई देने के बाद डॉक्टर कुछ चीजें ना खाने की सलाह देता है, वैसे ही मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऐसी परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए आपको कुछ चीजों को समझना भी होगा और उन्हें याद भी रखना होगा। मैं जिन बातों को आपको समझाऊंगा हो सकता है वह आपको कड़वी लगे परंतु जीवन की प्रमुखता को ध्यान में रखते हुए आपको बातें समझनी ही होगी। ऐसे हजारों लोग हैं जिनको ना ही तो इस बीमारी के बारे में पता था और ना ही इसके समाधान के बारे में। ऐसे लोग मति भ्रम का शिकार होकर अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं। आपको स्वयं को भाग्यशाली समझना होगा कि आप अपनी प्रस्तुति के प्रति सजग हैं और उसका समाधान खोज रहे हैं। अगर आप ऐसी किसी परिस्थिति के कारण स्वयं का इलाज करवाते हैं और आपका जीवन सुधर सकता है तो फिर आपको लोगों के बारे में सोचने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है।

Focus On Positive Side –

सबसे पहले तो आप को जान लेना चाहिए कि आप जिससे परिस्थिति में जकड़े हुए हैं उससे आपको शारीरिक तौर पर नुकसान हो रहा है परंतु ऐसी और भी चीज आपके अंदर आ गई है जो लोगों को सालों की मेहनत के बाद भी नहीं मिलती। लोग अपने अंदर के मुंह को खत्म करने और अपनी इच्छाओं पर काबू पाने में भरसक प्रयास करने के बावजूद भी असफल हो जाते हैं। आपको इन गुणों को अपने अंदर रखना है और जो मानसिक और शारीरिक समस्याएं हैं उनका इलाज करवाना है। आपकी परिस्थितियों के कारण जो भी इस प्रकार के गुण आपके अंदर आए हैं उन पर आपने दुख का और निराशा का एक नकाब चढा लिया है। आपने जीवन में नाउम्मीदी की चादर को अपने ऊपर ढक लिया है। आप में और एक तपस्या करने वाले सालों में सिर्फ इतना फर्क रह जाता है कि आपने जीवन को व्यर्थ समझ लिया है और वह लोग जीवन का उपयोग कर मोक्ष को प्राप्त करना चाहते हैं। वे लोग सब बंधनों से दूर मुक्त जीवन जी रहे हैं, वही आपके पास सब कुछ होते हुए भी आप दुखों के पहाड़ के नीचे दबे हुए हैं।
आपको यह फर्क जानना होगा क्योंकि जितना बारीक यह दिखाई देता है उससे कहीं ज्यादा यह महत्वपूर्ण भी है। जीवन की सभी चाहतों की चाहा आपके अंदर ना होना किसी प्रकार का कोई शाप नहीं है बल्कि यह तो खुशी का जीवन जीने में आपकी मदद ही करेगा।

My Personal Thoughts –

मैं आपको बिल्कुल भी नहीं कहूंगा कि आपके अंदर ऐसी परिस्थिति में नकारात्मक ख्याल नहीं आएंगे। ऐसे नकारात्मक ख्याल सभी को आते हैं परंतु सर कितना है कि आपको इन खयालों के विरोध में खड़ा नहीं होना है बल्कि अपनी समझ से उन्हें निष्क्रिय करना है। आपको अपनी नकारात्मक ख्यालों को सकारात्मक पहलुओं की पट्टी पढ़ानी है। आपको खुद ही आपके अंदर आने वाले नकारात्मक विचारों को एक बड़े भाई की तरह जवाब देना है। अपने जीवन बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले अपना खुद का ही हाथ थामना होगा। आप को कठोर फैसले लेने पड़ेंगे और उनको सही साबित करने के लिए एक योद्धा की तरह लड़ना भी पड़ेगा। जब मन ऐसी परिस्थितियों में आपके अंदर नकारात्मक ख्यालों की आंधी ले आता है तो आपको अपनी बुद्धि से उसे शांत करना होगा और अपने मन को बुद्धि की ताकत महसूस करानी होगी,जिससे वह आपको बार-बार भ्रमित ना कर सके। आपको ही आ सकता है कि आपका मन आपकी शक्तियों का केंद्र नहीं है।

धन्यवाद!

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