Getting Rid From Anger Due To Past Memories | पुरानी यादों से गुस्सा आता है तो क्या करें ?

Getting Rid From Anger

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नमस्कार दोस्तों, आप में से बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जिनको अपने किसी पुरानी याद की वजह से बार-बार गुस्सा आता है या फिर दर्द महसूस होता है। आपके सामने वर्तमान में घटित हो रही किसी परिस्थिति के कारण आपको गुस्सा आता है तो काफी वाजिब लगता है, परंतु आप सिर्फ किसी घटना को याद करके क्रोध प्रकट कर रहे हैं तो यह कहीं ना कहीं आपके लिए मानसिक दुविधा का कारण बन सकता है। आज के इस ब्लॉग में हम इसी बात  (Getting Rid From Anger)  पर प्रकाश डालेंगे और समझेंगे ऐसा क्यों होता है और इसको किस तरह मिटाया जा सकता है।

Is Getting Angry Okay?

वास्तविकता की बात करें तो अगर आपके साथ कोई इंसान गलत करता है या फिर ऐसी किसी उम्मीद से आपकी तरफ बढ़ता है तो आपका गुस्सा दिखाना एकदम सही है। यहां सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है बल्कि अगर आप किसी जानवर की तरफ भी उसे नुकसान पहुंचाने की दृष्टि से जाओगे तो वह भी आप पर गुस्सा करने का प्रयास करेगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमें सामने वाले इंसान को मानसिक तौर पर यह महसूस कर आना होता है कि हम उनसे डरते नहीं है। अगर आप सामने वाले को यह महसूस कराते हैं कि आप डर गए हैं तो वह आपका और अधिक शोषण कर सकता है। वर्तमान की परिस्थितियों में अगर आप क्रोध दिखाते हैं तो यह जीवन के लिए कहीं ना कहीं आवश्यक है परंतु किसी पुरानी घटना पर आप बार-बार रोष प्रकट करते हैं तो यह कहीं ना कहीं हमारी समझ की कमी होती है। अगर ऐसा बार बार होता है तो हमने अभी तक जिंदगी की बारीकियों को ठीक प्रकार नहीं समझा है और जिंदगी कि अपनी एक प्रकृति होती है जिसकी समझ भी हमें नहीं है।

Understanding Of Reality :-

देखिए मित्रों जिंदगी में जब हम बुरे घटनाओं को या हमारे साथ हुए किसी दुर्व्यवहार को याद करते हैं तो यह बिल्कुल वैसा होता है जैसे हम स्क्रीन पर किसी फिल्म को देखकर क्रोध और भावुकता प्रकट करते हैं। यहां पर एक अंतर होता है कि जब हम किसी फिल्म को देख रहे होते हैं तो हमें कहीं ना कहीं अंदर से यह पता होता है कि वास्तविकता कुछ और है अर्थात हमारी जिंदगी में ऐसा वास्तविक रूप से कुछ घटित नहीं हो रहा है। इसलिए दो-तीन घंटे बाद हम उस मानसिक स्थिति से बाहर आ जाते हैं। फिल्म देखते टाइम हमें गुस्सा भी आता है,रोना भी आता है,प्यार भी आता है और डर भी लगता है पर केवल तब तक जब तक हम फिल्म को देख रहे होते हैं।
बात करे वास्तविक जिंदगी की तो यहां पर हम किसी घटना के साथ खुद को मजबूती से बांध लेते हैं और उस बात को दिमाग से निकाल ही नहीं पाते। हम अपने आप को यह अहसास दिलाने में पूरी तरह सफल हो जाते हैं कि हम भी बदल चुके हैं और समय भी बदल चुका है।

Learn by Past v/s Present –

बात करें इस परिस्थिति को समझने की तो आपको एक बात जानी होगी और अपने आपसे एक प्रश्न पूछना होगा कि क्या मैं वही व्यक्ति हूं जो आज से 5 साल पहले जब मेरे साथ कुछ घटना घटित हुई वह था ? क्या आज मेरे आस-पास वैसे ही लोग हैं या फिर वह बदल चुके हैं? क्या मेरा चीजों को समझने का नजरिया बदल चुका है या फिर मैं आज भी उसी मूर्खता पूर्ण तरीके से सोचता हूं? इस तरह आप अपने आपसे प्रश्न पूछेंगे तो पाएंगे कि जो आप आज से 5 वर्ष पूर्व थे और जो आप आज हैं दोनों ही व्यक्तित्व आपस में बिल्कुल मेल नहीं खाते है। समस्या यही है कि हम जानबूझकर भूतकाल में घटित घटनाओं को हमारे आज की जिंदगी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हो सकता है किसी इंसान ने 5 साल पहले आपके साथ कुछ बुरा किया हो वह भी आपकी तरह बदल गया हो, उसका व्यक्तित्व भी आज वैसा ना हो जैसा आप सोच रहे हैं। हमारा दिमाग इस सच को नहीं समझ पाता है और हम लगातार दुखी होते रहते हैं। अगर फिर भी आपका दिमाग आप से नियंत्रित नहीं होता है और बार बार सोचता है,तो आपको एक चीज समझा नहीं होगी कि जिस व्यक्ति या वस्तु के बारे में हम कुछ कर ही नहीं सकते उसके बारे में क्रोध करने का कोई फायदा नहीं है। आपको खुद को एहसास दिलाना होगा कि आप समय में पीछे जाकर परिस्थितियों को नहीं बदल सकते हैं।

Why Thinking So Much About The Thing Which You Don’t Have –

यह बात मैंने आपको पिछले कुछ आर्टिकल्स में समझाने का भी प्रयास किया था और अभी भी आपको बताना चाहूंगा कि अक्सर हम लोग उन चीजों को लेकर पछतावा करते रहते हैं जो हमारे पास होती ही नहीं है और ऐसा करने से हम उन चीजों से मिलने वाले सुख से वंचित हो जाते हैं जो फिलहाल हमारे पास है। हम जिंदगी में होने वाली चीजों को पहले से निर्धारित नहीं कर सकते, इसलिए आपके पास जो भी है उसमें क्या कुछ अच्छा हो सकता है यह आपकी प्राथमिक सोच होनी चाहिए। आप बीते हुए वक्त को नहीं बदल सकते परंतु अगर आपने आने वाले भक्तों पर ध्यान नहीं दिया तो नहीं आप अपना भूतकाल सुधार पाएंगे और आपका भविष्य अच्छा हो इसकी संभावना भी खत्म होती चली जाएगी। आपकी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ है उसकी यादें कभी मिटने वाली नहीं है,परंतु अपना सारा ध्यान उन्हीं यादों पर लगा देना आपके वर्तमान को पूरी तरह दुखों से भर देता है।

Conclusion :-

Getting Rid From Anger –

दुनिया के अंदर प्रत्येक व्यक्ति के साथ कभी ना कभी कुछ बुरा होता है और उसकी यादें बन जाती है। कोई भी इंसान कभी भी अपनी अच्छी और बुरी यादों को पूरी तरह नहीं मिटा सकता है। कुछ इंसान जीवन में बहुत कुछ बुरा होने के बाद भी खुशी से जिंदगी बिता लेते हैं,और कुछ लोग अपनी संपूर्ण जिंदगी दुखों के हवाले कर देते हैं। इन दोनों प्रकार के व्यक्तियों में बस इतना फर्क होता है कि जो लोग इन यादों को बस यादें समझ कर रखते हैं और अपना कीमती वक्त और ध्यान उन पर जाया नहीं करते हैं,वह लोग खुशियों के हकदार बन जाते हैं, वही जो लोग इन यादों को ही अपना जीवन बना लेते हैं वह कभी सुख का दर्शन नहीं कर पाते हैं।

धन्यवाद !

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